इंडिया में स्मार्टफोन के यूजर्स बढ़ने के कारण वर्टिकल वीडियो का चलन काफी बढ़ गया है 2020 में जब टिक टॉक को बैन किया गया था तो सभी सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म ने अपना अपना वर्टिकल प्लेटफार्म लांच किया था वही यूट्यूब में भी यूट्यूब शार्ट नाम से वर्टिकल वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लांच किया था जो कि उसकी मेन ऐप में ही इनबिल्ट था टिक टॉक के बैन हो जाने के कारण काफी लोग यूट्यूब शॉट्स पर शिफ्ट हो गए और यह काफी लोकप्रिय हुआ और इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है.
लेकिन यूट्यूब शॉट की लोकप्रियता बढ़ने के कारण यूट्यूब को काफी नुकसान हो रहा है आप सोच रहे होंगे कि यूट्यूब शॉट्र्स तो यूट्यूब का ही है और अगर यूट्यूब शॉट्र्स पॉपुलर हो रहा है तो इससे तो यूट्यूब को ज्यादा फायदा होना चाहिए उसे नुकसान क्यों हो रहा है लेकिन खुद यूट्यूब के कर्मचारियों ने यह चिंता जताई है कि यूट्यूब शॉर्ट्स के कारण यूट्यूब का बिजनेस बंद हो सकता है.
दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब है और इसके यूजर बैस में अब यूट्यूब शॉर्ट्स ने भी अपना काफी बड़ा हिस्सा पा लिया है यूट्यूब का सबसे बड़ा डर यह है कि लोग बड़ी वीडियो छोड़कर शॉट वीडियो ही देख रहे हैं जिसके कारण बड़ी वीडियो पर व्यूज कम आ रहे हैं जिससे उनकी मैन बिजनेस पर काफी असर पड़ रहा है.
कैसे कमाता है यूट्यूब प्लेटफॉर्म?
जब कोई भी क्रिएटर वीडियो अपलोड करता है और जो भी वीडियो को देखता है तो उस वीडियो के आसपास ऐड नजर आते हैं जिससे यूट्यूब पैसे कमाता है यूट्यूब रेवेन्यू का 45% खुद रखता है और 55% क्रिएटर को देता है जिसकी वजह से यह प्लेटफार्म काफी लोकप्रिय है और इस पर काफी लोग अपना कांटेक्ट डालकर पैसे कमाते हैं यूट्यूब ने यूट्यूब शॉर्ट्स में भी न्यू रेवेन्यू मॉडल का उपयोग किया है जिससे कि यूट्यूब शॉट्र्स से भी पैसे कमाए जा सकते हैं पर यह उतना कारगर नहीं है जितना लॉन्ग फॉर्मेट वीडियो होती है.
यूट्यूब शार्ट यूट्यूब को कैसे कंगाल कर रहा है?
यूट्यूब अपना सबसे ज्यादा पैसे लॉन्ग फॉर्मेट वीडियो से बनाता है क्योंकि उस पर मल्टीपल ऐड लगाकर वह अच्छा रेवेन्यू बना लेता है लेकिन जब से यूट्यूब शॉर्ट लांच हुआ है और जैसे-जैसे इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है यूजर शार्ट वीडियो देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं इसकी वजह से लॉन्ग वीडियो के व्यूज कम आ रहे हैं और शॉर्ट वीडियोस पर नाम मात्र की एड्स दिखाई देती है जिससे कि यूट्यूब को काफी कम रेवेन्यू जनरेट होता है जो कि उसके लिए एक नुकसानदायक बिजनेस मॉडल है शार्ट की तुलना में बड़ी वीडियो ज्यादा रेवेन्यू बनती है इसलिए यूट्यूब के कर्मचारियों को इस बात की चिंता है कि कहीं यूट्यूब शार्ट के चलते यूट्यूब का मेन बिजनेस ही ठप पड़ जाये।
जुलाई 2020 में टिक टॉक इंडिया में बैन होने के कारण सभी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों ने अपने अपने वर्टीकल शॉर्ट्स प्लेटफार्म लॉन्च कर दिए थे जिसमें यूट्यूब शार्ट भी एक बहुत बड़ा क्लियर बन गया है लेकिन लगता है की इस रेस में यूट्यूब में खुद ही के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है.